विद्यार्थी शिक्षा सहयोग समिति

विद्यार्थी शिक्षा सहयोग समिति (रजि.)

शिक्षा व बाल उत्थान हेतु समर्पित

विद्यार्थी शिक्षा सहयोग समिति
स्थापित 1988
रजिस्ट्रेशन नंबर 99/90-91

SPONSORED BY

HAPPY GENERAL STORE Wholesale Readymade Garments Sri Ganganagar (335001), Rajasthan(INDIA) Mob. 9414221641                     CHANAN RAM SATPAL - Deals in : Wool, Handicraft & Cosmetic Sri Ganganagar (335001), Rajasthan(INDIA) Mob. 7597384819

प्रस्तावना

आज के युग में अगर नजर दौड़ा कर देखा जाये तो नजर आता है व्यापक गरीबी, अशिक्षा, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार आदि का अथाह समुद्र जो कि देश की जड़ों को प्रतिदिन खोखला करता जा रहा है इनसे राष्ट्र को बचाने कि यदि कोई संजीवनी बूटी है
तो वह है- शिक्षा |

और पढ़ें
उद्देश्य

आर्थिक दृष्टि से कमजोर किन्तु प्रतिभाशाली विद्यार्थियों की सहायता करना। आर्थिक दृष्टि से कमजोर छात्र-छात्राओं को स्वावलम्बी बनने में सहयोग करना। आर्थिक और सामाजिक विषमताओं से जूझकर आगे बढ़ने वाले सफल विद्यार्थियों को संस्था के वार्षिकोत्सव में सम्मानित करना।

और पढ़ें
यात्रा

23 अक्टूबर 1988 को विद्यार्थी शिक्षा सहयोग समिति का गठन होने के पश्चात् सर्वप्रथम कार्यालय तथा अन्य गतिविधियां संचालित करने के लिए एक भवन की आवश्यकता थी। इस आवश्यकता की पूर्ति के लिए प्रो. श्याम सुन्दर माहेश्वरी ने पहल की |

और पढ़ें
नि:स्वार्थ मानव सेवा ही ईश्वर की श्रेष्ठ उपासना है | शिक्षा समाज को बदलने का सर्वोत्तम साधन है

विद्यार्थी शिक्षा सहयोग समिति (रजि.)

आज के युग में अगर नजर दौड़कर देखा जाये तो नजर आता है व्यापक गरीबी, अशिक्षा, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार आदि का अथाह समुद्र जो कि देश की जड़ो को प्रतिदिन खोखला करता जा रहा है इनसे राष्ट्र को बचाने की यदि कोई संजीवनी बूटी है तो वह है- शिक्षा
शिक्षा का दीपक जलाकर ही समाज में व्याप्त अंधकार को ज्ञान के प्रकाश में बदला जा सकता है। शिक्षा से ही मानव का सर्वागीण विकास संभव है।लेकिन हमारे देश में जहां 70 प्रतिशत लोगों को दो वक्त की रोटी भी बड़ी मुश्किल से प्राप्त हो पाती है, क्या गरीब परिवार का बच्चा अपना विद्यालय, महाविद्यालय का शुल्क, पुस्तकों, कापी आदि की व्यवस्था कर सकता है? असंभव नहीं तो मुश्किल अवश्य है।
आज के इस अर्थ प्रधान युग में हजारों ऐसे विद्यार्थी जो प्रतिभाशाली होते हुए भी धनाभाव के कारण न चाहकर भी अपना अध्ययन बीच में ही छोड़कर आजीविका अर्जन में व्यस्त हो जाते हैं। ऐसे छात्र अनेक कुण्ठाओं से ग्रस्त होकर अंधकारमय जीवन व्यतीत करते हैं। राष्ट्र ऐसे प्रतिभाशाली, कुशाग्रबद्धि योग्य छात्रों की सेवाओं से वंचित रह जाता है।

और पढ़ें
सेवा उनकी करें जो दु:ख से कराहते हैं, स्वर्ग उत्तर आए धरती पर अगर चाहते हैं|

विशेष गतिविधियां

समिति बच्चों के व्यवहारिक जीवन में काम आने वाली विविध कार्यों को प्रशिक्षण देती है| जैसे चारपाई बुनना सिलाई प्रशिक्षण आज आदि समिति के सदस्यों को संस्थाओं द्वारा बच्चों को समय समय पर स्कूल ड्रेस गर्म जर्सियां स्कूल बैग भोजन आदि का वितरण किया जाता है|

अंधेरे की बातें करते रहने से अच्छा है कि एक दीपक स्वयं जला दो | विद्या का अंतिम लक्ष्य चरित्र निर्माण होना चाहिए

विद्यार्थियों की शिक्षा के लिए दान किए 15 लाख रुपये

जोगिन्द्रपाल सिंह सिक्का ने अपनी बहन की स्मृति में चैक भेंट किया

समाज में एक ओर जहां नकारात्मकता और संवेदनहीनता का अंधकार करता दिखाई देता है, वहीं दूसरी और सकारात्मकता और संवेदनशीलता की एक किरण भी इस अंधियारे को पाटकर सर्वत्र रोशनी बिखेर कर समाज को रोशन कर देती है।
इसी प्रकार की मिसाल कायम करते हुए पंजाब एंड सिंध बैंक के सेवानिवृत्त प्रबंधक जोगिंदरपाल सिंह सिक्का ने अपनी स्वर्गीय बहन सुश्री मनजीत कौर सिक्का के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने एवं उनकी स्मृति को चिरस्थाई बनाए रखने के लिए प्रतिभावान एवं आर्थिक दृष्टि से कमजोर विद्यार्थियों की शिक्षा हेतु विद्यार्थी शिक्षा सहयोग समिति को 15 लाख रुपए का दान दिया है।
श्री सिक्का ने दान स्वरूप दी गई राशि का चयन समिति के अध्यक्ष श्री हरिचंद मक्कड़ एवं संस्थापक सचिव प्रोफेसर श्याम सुन्दर माहेश्वरी को सौंपकर विद्यार्थी शिक्षा सहयोग समिति के प्रति दृढ़ विश्वास व्यक्त किया है

दानदाता श्री सिक्का ने समिति को दान राशि का चेक सौंपते समय अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि बचपन में ही उनके माता पिता का निधन हो जाने के बाद, उनकी बहन सुश्री मनजीत कौर सिक्का ने आजीवन उनके लिए संघर्ष किया और माता-पिता बनकर उनकी परवरिश की। इतना ही नहीं, भाई का जीवन संवारने तथा उसे सफल बनाने के लिए बहन आजीवन अविवाहित रही और जीवन भर की जमा पूंजी को अंतिम समय में भाई को उनकी पुत्री के विवाह के लिए सुपुर्द कर दी।

देश के हजारों विद्यार्थी जिनके पास प्रतिभा थी, ऊर्जा थी, आर्थिक साधन थे और उन्हे मंजिल का धुंधला सा आभास भी था, लेकिन रातों के अँधेरे में खो गए स्वप्नों को यथार्थ के धरातल पर न ला सके। वर्तमान पीढ़ी के विद्यार्थी मार्गदर्शन के अभाव में होने वाली भटकन से बच सकें और अपने साधनों व प्रतिभा के अनुसार अपना गंतव्य चुनकर सही दिशा में आगे बढ़ सकें। इसलिए विद्यार्थी शिक्षा सहयोग समिति ने विद्यार्थियों को मार्गदर्शन देने हेतु पुस्तक ‘ विद्यार्थी मार्ग दर्शिका’ का प्रकाशन 15 सितम्बर 1991 को करवाया। इस पुस्तक का विमोचन समारोह स्थानीय खालसा कॉलेज सभागार में मुख्यातिथि डॉ.एम.आर.जैन (प्रख्यात नेत्र विशेषज्ञ) जयपुर के करकमलों द्वारा सम्पन्न हुआ।
समारोह के विशिष्ट अतिथि स्वामी ब्रह्मदेव जी महाराज थे। विद्यार्थी मार्गदर्शिका में मेडिकल, इंजिनियरिंग, पशु चिकित्सा, न्यायिक, प्रशासनिक सेवाओं सेना, बैंकिंग, वाणिज्यिक व व्यवसायों आदि में प्रवेश व सम्बन्धित प्रशिक्षण संस्थाओं के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है। इससे विद्यार्थियों को अपना व्यवसाय चुनने और इसमें प्रवेश प्राप्त करने में सम्पूर्ण मार्गदर्शन प्राप्त होगा।

15/9/1991

श्रीगंगानगर व हनुमानगढ़ जिलों के विद्यालयों, महाविद्यालयों के अध्यापकों, प्राध्यापकों से सम्पर्क हेतु सुविधा के लिए उनके नाम, पते व दूरभाष संख्या समेकित रूप से उपलब्ध कराने हेतु ‘हैलो प्रोफेसर’ पुस्तिका का प्रकाशन करवाया गया।इसके प्रथम संस्करण का विमोचन दिनांक 16 अक्टूबर 1994 को स्थानीय सेठ जी एल बिहाणी एस.डी. स्नातकोत्तर महाविद्यालय के सभागार में श्री एल.आर. सिंगल (प्राचार्य एस.डी. कॉलेज) की अध्यक्षता मे हुए समारोह में मुख्य अतिथि डॉ. सरस्वती बिश्नोई (प्राचार्य बब्लू राम गोदारा राजकीय कन्या महाविद्यालय) के कर-कमलों से हुआ।इस समारोह में विशिष्ट अतिथि श्री गोविन्द सक्सैना (निदेशक बिहाणी शिक्षा न्यास) थे।

16/10/1994

‘हैलो प्रोफेसर’ द्वितीय संस्करण का विमोचन 18 जून 2003 को स्थानीय एस जी एन.बालिका उमा विद्यालय के सभागार में प्रो. जी.पी. माथुर (प्राचार्य चौ. गोदारा राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय) की अध्यक्षता में हुए समारोह में मुख्य अतिथि डॉ. विद्यासागर शर्मा के कर-कमलों हुआ इस समारोह में विशिष्ट अतिथि स. करतार सिंह नरूला (अध्यक्ष, एस.जी.एन. बालिका स्कूल/कॉलेज प्रबंध समिति) थे

18/06/2003

‘हैलो प्रोफेसर’ द्वितीय संस्करण का विमोचन 18 जून 2003 को स्थानीय एस जी एन.बालिका उमा विद्यालय के सभागार में प्रो. जी.पी. माथुर (प्राचार्य चौ. गोदारा राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय) की अध्यक्षता में हुए समारोह में मुख्य अतिथि डॉ. विद्यासागर शर्मा के कर-कमलों हुआ इस समारोह में विशिष्ट अतिथि स. करतार सिंह नरूला (अध्यक्ष, एस.जी.एन. बालिका स्कूल/कॉलेज प्रबंध समिति) थे

‘हैलो प्रोफेसर’ द्वितीय संस्करण का विमोचन 18 जून 2003 को स्थानीय एस जी एन.बालिका उमा विद्यालय के सभागार में प्रो. जी.पी. माथुर (प्राचार्य चौ. गोदारा राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय) की अध्यक्षता में हुए समारोह में मुख्य अतिथि डॉ. विद्यासागर शर्मा के कर-कमलों हुआ इस समारोह में विशिष्ट अतिथि स. करतार सिंह नरूला (अध्यक्ष, एस.जी.एन. बालिका स्कूल/कॉलेज प्रबंध समिति) थे

शिक्षा हेतु सहयोग प्राप्त करने की पात्रता | श्रद्धावान लभते ज्ञानम्

पात्रता - 1

राजस्थान बोर्ड की परीक्षा 10वीं/12वीं में न्यूनतम प्राप्तांक 75% अनिवार्य है|

पात्रता - 2

विद्यार्थी आर्थिक दृष्टि से कमजोर हो|

विशिष्ट महानुभावों की दृष्टि में समिति

नीचे दिया गया लेख व्यक्ति का समिति के बारे में विचार है

विद्यार्थी शिक्षा सहयोग समिति श्रीगंगानगर की सुचिंतित कार्यप्रणाली व इसके द्वारा संपन्न अभावग्रस्त किंतु होनहार नौनिहालों को शिक्षा हेतु आर्थिक सहयोग एक ऐसा उत्कृष्ट शैक्षिक प्रकल्प है जो अब तक 25-26 वर्षों में अत्यधिक सार्थक और सुखद परिणाम वाला सिद्ध हुआ है इसीलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि घरों के बुझते चिरागों में नव आलोक की मधुमय आभा के प्रसार से अदम्य साहस उत्साह और उत्तरोत्तर जीवन पथ में अभ्युत्थान का उल्लास में पद प्रशांत हुआ है इतने लंबे समय तक जन सहयोग से संचालित होने वाली संस्थाओं मैं लोगों के विकास विश्वास और उत्तरोत्तर अधिकाधिक योगदान करने की प्रवृत्ति थी समिति प्रबंधन की ईमानदारी और पारदर्शिता का सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है यह कितना सुखद है कि आज हजारों निर्धन छात्र समिति के मार्गदर्शन व आर्थिक संभल से देश विदेश के विभिन्न उच्च पदों पर कार्य करते हुए अपने परिवार व सामाजिक दायित्वों के निर्वहन में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं उक्त समिति का यह परंपरा पर आया जिला प्रांत और राष्ट्र की सीमा से परे वैश्विक पटल पर एक अनुकरणीय वह आदर्श सामाजिक सेवा का सम्माननीय स्थान प्राप्त कर चुका है तभी तो समिति के स्तंभ सचिव प्रोफेसर एस एस माहेश्वरी जी को कृतज्ञ राष्ट्र पदम श्री की मानद उपाधि से समलंकृत कर चुका है किसी भी राष्ट्र यह मानवता के उत्थान में मूल्यपरक शिक्षा और कर्तव्यनिष्ठा का योगदान सदा सर्व मान्य रहा है मेरी हार्दिक आकांक्षा है कि विद्यार्थी शिक्षा सहयोग समिति अपने लक्ष्य प्राप्ति में सदैव अग्रसर हो लोक जागृति का मनोरम दृष्टांत बने

डॉ. कुंज बिहारी पांडेय
पूर्व अध्यक्ष संस्कृत विभाग
डॉ बी. आर. अम्बेडकर राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, श्रीगंगानगर

विद्यार्थी शिक्षा सहयोग समिति की परिकल्पना उधर्व गामी चिंतन का परिणाम था साधनहीन पददलित तथा उपेक्षित बालक बालिकाओं का अज्ञान के अंधकार पर उद्धार कर उन्हें ज्ञान की ज्योति से जगमग करने में तमसो मा ज्योतिर्गमय की वैदिक प्रार्थना साकार हो उठी है पता नहीं गत वर्षों में कितने वर्ष तथा छात्र-छात्राएं समिति की उदारता का तूफान चढ़कर आज उच्च पदों पर आसीन है जो समाज तक बन सकते थे वह आज समाज का श्रंगार हैं और देश की प्रगति में योगदान करने का पुण्य अर्जित कर रहे हैं समाज के सक्रिय सहयोग का पाथेय पाकर समिति निरंतर नए कीर्तिमान स्थापित करती रहे यही मेरी कामना है|
वेबसाइट से समिति को की गतिविधियों तथा उपलब्धियों को अभिनव आयाम मिलेंगे

डॉ सत्यव्रत वर्मा
पूर्व प्राचार्य, मानद प्रोफेसर
श्रीगंगानगर

समिति के गौरव

Here are some of our bright students who achieve their goal in life and now living a quality life.