विद्यार्थी शिक्षा सहयोग समिति

विद्यार्थी शिक्षा सहयोग समिति (रजि.)

शिक्षा व बाल उत्थान हेतु समर्पित

विद्यार्थी शिक्षा सहयोग समिति
स्थापित 1988
रजिस्ट्रेशन नंबर 99/90-91

विद्यार्थी शिक्षा सहयोग समिति की पृष्ठभूमि

आज के युग में अगर नजर दौड़कर देखा जाये तो नजर आता है व्यापक गरीबी, अशिक्षा, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार आदि का अथाह समुद्र जो कि देश की जड़ो को प्रतिदिन खोखला करता जा रहा है इनसे राष्ट्र को बचाने की यदि कोई संजीवनी बूटी है तो वह है—शिक्षा।
शिक्षा का दीपक जलाकर ही समाज में व्याप्त अंधकार को ज्ञान के प्रकाश में बदला जा सकता है। शिक्षा से ही मानव का सर्वांगीण विकास संभव है। लेकिन हमारे देश में जहां 70 प्रतिशत लोगों को दो वक्त की रोटी भी बड़ी मुश्किल से प्राप्त हो पाती है, क्या गरीब परिवार का बच्चा अपना विद्यालय, महाविद्यालय का शुल्क, पुस्तकों, कापी आदि की व्यवस्था कर सकता है? असंभव नहीं तो मुश्किल अवश्य है।
आज के इस अर्थ प्रधान युग में हजारों ऐसे विद्यार्थी जो प्रतिभाशाली होते हुए भी धनाभाव के कारण न चाहकर भी अपना अध्ययन बीच में ही छोड़कर आजीविका अर्जन में व्यस्त हो जाते हैं। ऐसे छात्र अनेक कुण्ठाओं से ग्रस्त होकर अंधकारमय जीवन व्यतीत करते हैं। राष्ट्र ऐसे प्रतिभाशाली, कुशाग्रबुद्धि योग्य छात्रों की सेवाओं से वंचित रह जाता है। बच्चों को उचित शिक्षा देकर उन्हे सुयोग्य नागरिक बनाने का दायित्व समाज का भी है। इसी दायित्व बोध की प्रेरणा से प्रेरित होकर स्थानीय एस.जी.एन. खालसा महाविद्यालय के प्राध्यापक श्याम सुंदर माहेश्वरी ने अभावग्रस्त एवं प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को शिक्षा, सहयोग, स्नेह व प्रोत्साहन देने हेतु 23 अक्टूबर 1988 को समाज के गणमान्य नागरिकों के सहयोग से "विद्यार्थी शिक्षा सहयोग समिति" का गठन किया।