रोजगार का विकल्प बना निःशुल्क सिलाई प्रशिक्षण केन्द्र

"आज मैं पेन्ट शर्ट, कुर्ता-पायजामा, फ्रॉक, सूट आदि पोशाकें सिल सकती हूँ, अब मैं आत्मनिर्भर हूँ', ‘समिति से निःशुल्क सिलाई सीखने के बाद मैं स्वयं को संतुष्ट और स्वावलम्बी समझती हूँ, सिलाई करके मैं घर बैठे पैसे कमाकर अपने छोटे-बड़े खर्चे । निकालने लगी हूँ"उपर्युक्त विचार समिति द्वारा संचालित निःशुल्क सिलाई प्रशिक्षण केन्द्र से सिलाई सीख चुकी सर्वजीत कौर और ममता शर्मा के हैं। इनके अतिरिक्त सुखजीत कौर, सोनिया शर्मा, चन्दा देवी, रानी देवी, नन्दिता ठाकुर, किरणदीप कौर, ज्योति जैसी कुल 231 युवतियाँ सिलाई केन्द्र से प्रशिक्षण प्राप्त कर अपनी गृहस्थी को सही ढंग से चलाने में कामयाब हो चुकी हैं। सिलाई केन्द्र से शिक्षित-अशिक्षित दोनों प्रकार की प्रशिक्षणार्थियों ने सिलाई का प्रशिक्षण लिया और इलाके की दूसरी महिलाओं के लिए मिसाल बनीं। सिलाई सीख कर स्वयं को आत्मविश्वास से पूर्ण और आत्मनिर्भर मानने वाली महिलाओं का कहना है कि सिलाई केन्द्र ने हमारे लिए रोजी-रोटी कमाने का विकल्प दिया है; पहले हमारे पास घरेलू काम करने के अलावा कोई हुनर नहीं था। सिलाई सीखने के बाद हम हस्तकला में दक्ष तो हुई ही साथ ही 1 000 से 5000 रुपये तक की कमाई घर बैठे करने में भी सफल हुई हैं।इन प्रशिक्षार्थियों का मानना है कि सिलाई सीखने के बाद उन्हें इज्जत से जीने का अधिकार भी मिल गया है। सिलाई केन्द्र से प्रशिक्षिका श्रीमती सीमा कपूर (30 वर्ष का अनुभव ) के कुशल नेतृत्व में सिलाई कोर्स करने के बाद महिलाएँ और लड़कियाँ सलवार-सूट, ब्लाउज, पेटीकोट, पाजामी, समीज, फ्रॉक, कुर्ता-पायजामा, कमीज, तकिये के कवर, थैले जैसे दैनिक उपयोगी कपड़ों की सिलाई आसानी से कर सकती हैं। इस निःशुल्क सिलाई प्रशिक्षण केन्द्र का उद्घाटन 1 मई, 2012 को सहकारी बैंक के पूर्व वरिष्ठ प्रबन्धक श्री वेदप्रकाश जी सेठी। के मुख्यातिथ्य में हुआ । कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि एसबीबीजे के अधिकारी श्री ए.के.सिंह जी थेसिलाई केन्द्र की सबसे पहली और बड़ी। जरुरत 'सिलाई मशीनों की पूर्ति के लिए रोटरी क्लब (मुख्य) श्रीगंगानगर द्वारा 5, श्री विनोद छाबड़ा द्वारा 5, श्री विजय भोला द्वारा 3 (2 छोटी एवं 1 बड़ी पीको मशीन) तथा श्री हरिचन्द जी मक्कड़, श्री जयदेव गुप्ता, श्री शामलाल जैन, श्री माणिक चन्द बोरड़, श्री प्रहलाद राय अग्रवाल, श्री मुकेश शर्मा, श्री विजयरतन सेतिया और श्री मुरारी लाल जी धमीजा (प्रत्येक द्वारा 1 सिलाई मशीन) द्वारा सिलाई मशीनें संस्थ को उपहार स्वरूप भेंट की गई।